क्या होता अगर सभी कपड़े हमारी बॉडी के हिसाब से फिटिंग का आकार ले लेते?

ठीक है, ज़रा अपनी कल्पना की टोपी पहन लो। मान लो, तुम्हारे कपड़े किसी सुपरहीरो वाली तकनीक से लैस हैं। तुम जो भी पहनते हो, वो तुम्हारी बॉडी पर ऐसे फिट हो जाते हैं जैसे दूसरी स्किन। वो भी बिना किसी टेलर या “लार्ज साइज है, लेकिन अल्टर कर लेंगे” वाले झंझट के।
सच कहूं, तो यह थोड़ा डरावना और मजेदार दोनों लगता है। चलो, इसे थोड़ा डीटेल में सोचते हैं।


“कोई टेलर? किसको ज़रूरत है भाई!”

सबसे बड़ा फायदा यही होगा कि हमें कभी किसी टेलर के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। शादी, ऑफिस मीटिंग, या किसी पार्टी के लिए तैयार होना? बस कोई भी कपड़ा उठाओ और पहन लो। वो खुद-ब-खुद तुम्हारे साइज का हो जाएगा।
और सोचो, शॉपिंग कितनी आसान हो जाएगी। “मुझे XL चाहिए, नहीं L… शायद M?” जैसे सवाल खत्म! एक ही साइज सबके लिए—वन साइज फिट्स ऑल का असली मतलब।


“सभी कपड़े परफेक्ट लुक? वाओ!”

अच्छा, अब सोचो कि हर बार जब तुम कोई कपड़ा पहनते हो, वो तुम्हारे शरीर के हर कर्व और मूवमेंट के हिसाब से ढल जाता है।
कभी भी “यह शर्ट मेरे पेट पर बहुत टाइट लग रही है” या “यह ड्रेस मेरे कंधों पर फिट नहीं हो रही” जैसी शिकायतें नहीं होंगी।
और सबसे मजेदार बात, जिम जाने की टेंशन भी कम हो सकती है। “अगर थोड़ी चर्बी बढ़ गई तो क्या? कपड़े तो फिर भी फिट होंगे!”


लेकिन… हर चीज़ इतनी परफेक्ट भी नहीं होती

अब ज़रा सोचो, अगर कपड़े इतने ज्यादा स्मार्ट हो गए, तो क्या हमारी बॉडी के हर डिटेल को हाईलाइट करना चाहेंगे?
मतलब, जो लोग थोड़ा लूज-लूज पहनने के आदी हैं, उनके लिए यह थोड़ी परेशानी बन सकती है। हर कोई तो अपने शरीर की हर डिटेल को शोकेस नहीं करना चाहता, सही कहा?


फैशन का क्या होगा?

अब यह थोड़ा बड़ा सवाल है। अगर हर कपड़ा अपने-आप फिट हो रहा है, तो फैशन इंडस्ट्री का क्या होगा?
कोई ओवरसाइज़्ड ट्रेंड नहीं रहेगा। हर कोई परफेक्ट फिट में ही घूम रहा होगा। और हाँ, सोचो, ब्रांड्स कैसे अपने कपड़ों को यूनिक बनाएंगे?
“यह ड्रेस अलग है क्योंकि… यह भी तुम्हारे बॉडी पर फिट हो जाती है!” हाँ, सब ऐसा ही कहेंगे।


सफाई का सवाल

अब मान लो, तुमने ऐसा टी-शर्ट पहन लिया जो तुम्हारे शरीर पर चिपक गया और उसे उतारना थोड़ा मुश्किल हो गया।
“अरे, यह धोने के लिए कैसे निकालें?”
या फिर, “अगर यह बारिश में गीला हो जाए, तो क्या यह मेरी स्किन पर चिपक जाएगा?”
यार, थोड़ा अजीब हो सकता है।


हर मौसम के लिए परफेक्ट

अब अच्छा पहलू यह है कि ये कपड़े हर मौसम में सही काम करेंगे। गर्मी में ठंडा और सर्दी में गर्म—ऐसा टेक्नोलॉजी वाला कपड़ा सोचो।
और बारिश में वॉटरप्रूफ? भाई, इतना तो सुपरहीरो भी नहीं सोचते।


प्लास्टिक वेस्ट और सस्टेनेबिलिटी

एक और मजेदार एंगल: यह तकनीक अगर असली बन जाती है, तो शायद हम अपने कपड़े बार-बार बदलने की ज़रूरत महसूस नहीं करेंगे।
पुराने कपड़े फेंकने और नए खरीदने का झंझट कम होगा। सस्टेनेबिलिटी के लिए यह कितना बड़ा कदम होगा, सोचो!


तो, आखिर में सवाल यह है…

क्या तुम ऐसे कपड़े पहनना पसंद करोगे जो हमेशा तुम्हारी बॉडी पर परफेक्ट फिट हों?
या तुम्हें पुराने फैशन के अलग-अलग स्टाइल और सिलाई वाले कपड़े ही पसंद हैं?
सोचो और बताओ। और हाँ, अगर यह तकनीक सच में आ गई, तो शॉपिंग मॉल जाना बंद होगा या और ज्यादा मजेदार?


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