सोचो ज़रा—क्या होता अगर एलियंस के साथ हमारी रोज़ की बातचीत होती? जैसे, हर सुबह उठते और वो व्हाट्सएप पर “गुड मॉर्निंग” का मैसेज भेजते, या हर शाम वे पूछते, “क्या हाल है धरती वालों?”
पहले तो मज़ेदार लगता है, है ना? लेकिन सोचो, क्या ये इतना आसान होता? मतलब, एलियंस हमारे मेसेज को समझते कैसे? उन्हें हिंदी, इंग्लिश या स्माइलीज़ का मतलब तो समझाना पड़ेगा, नहीं? और फिर, वो आए क्यों हैं? सिर्फ़ दोस्ती के लिए या कुछ और? यहां तो अपने ही प्लेनेट पर लोग बिना मतलब के दोस्ती नहीं करते!
जैसे, एक दिन आप ऑफ़िस में हों, और अचानक एलियंस का वीडियो कॉल आ जाए। “क्या कर रहे हो?” “कहाँ बिज़ी हो?” – मानो हमारी मम्मी पूछ रही हों! और फिर वो पूछेंगे कि आपने धरती की समस्याएं कब तक सुलझा लीं? हाह, मानो हमें खुद भी पता है!
अब मज़ा तब आएगा जब वो अजीबोगरीब सवाल पूछने लगेंगे, जैसे, “तुम लोग टीवी पर सिर्फ़ न्यूज़ क्यों देखते हो?” या “इन जंक फ़ूड में क्या खास है?” उन्हें कौन समझाए कि हमें न्यूज़ में भी मसाला चाहिए, और फ़ास्ट फूड में वो ‘बर्गर वाला सॉस’
और सोचो, अगर किसी दिन एलियंस को बुरा लग गया? जैसे, किसी ने उन्हें मीम में टैग कर दिया तो? “तुम धरती वाले हमें ट्रोल कर रहे हो क्या?” और फिर वो नाराज़ होकर ब्लॉक कर दें! पूरी दुनिया को ब्लॉक कर दिया तो? फिर हम बैठे रहेंगे यहां हाथ पर हाथ रखकर, सोचते हुए कि यार, शायद हम ही ग़लत थे!
वहीं दूसरी तरफ़, ये दोस्ती हमारे लिए नए दरवाज़े भी खोल सकती है। शायद वो हमें बता दें कि उनके प्लेनेट पे ट्रैफ़िक जाम नहीं होते, या वहाँ सुबह-सुबह की मेट्रो में धक्का-मुक्की नहीं होती। हो सकता है वहाँ का मौसम एप्लिकेशन हर बार सही निकले, या उनकी मैगी सच में 2 मिनट में बन जाए!
तो, क्या हम सच में एलियंस से रोज़ बात करना चाहेंगे? शायद हाँ, शायद नहीं। लेकिन इतना तय है कि इससे हमारी ज़िंदगी एकदम मस्त हो जाएगी। कोई नया गॉसिप, कुछ एलियन मीम्स, और हज़ारों ऐसे सवाल जिनका जवाब हमारे पास कभी नहीं होगा।
वैसे, आप क्या कहेंगे अगर कल से एलियंस के साथ आपकी सुबह-शाम की बातचीत शुरू हो जाए?
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